इस खेलकूद समारोह में प्रतिभागी छात्र-छात्राएँ विश्व रिकॉर्ड के बराबरी करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. यह विद्या भारती एवं देश के लिए गौरव की बात है. हमारे युवक बलवान हों. युवक-युवतियां बलवान होंगे तो भारत बलवान होगा. बल के साथ संस्कार भी हों - बिना संस्कार के बलशाली विवेकहीन हो जाता है. समाज को उसका लाभ नहीं मिल पाता. संस्कारित बलवान युवक ही राष्ट्र की रक्षा कर सकता है. श्रीमती जमुना देवी सरस्वती विद्या मंदिर, उम्रांग्सू (विद्या भारती) इसी ध्येय वाक्य को लेकर खेलकूद समारोह आयोजित करती है. इस खेलकूद समारोह का सबसे आकर्षण एवं प्रभावी स्वरुप यह होता है कि इसमें लघु भारत के दर्शन होते हैं. राष्ट्रीय एकात्मकता का सहजभाव सभी के मन मैं हिलोरे लेने लगता है. एस.जी.एफ़.आई. ने विद्या भारती को मान्यता प्रदान की है.!
Annual Sports 2015 (Kabaddi) |
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